महाविद्यालय की स्थापना एंव इतिहास

शिवराजपुर क्षेत्र की जनता की आशाओं एवं आकाक्षाओं के परिणाम स्वरूप बैरी शिवराजपुर, कानपुर नगर मे रामसहाय राजकीय महाविद्यालय की स्थापना जुलाई 1993 में हुई । यह महाविद्यालय बर्राजपुर रेलवे स्टेशन से 200 मीटर की दूरी पर स्थित है जहां आवागमन की पर्याप्त सुविधायें उपलब्ध है ।

'महाविद्यालय की स्थापना में चौ0 रामसहाय ट्रस्ट का विशेष योगदान रहा है जिसके द्वारा महाविद्यालय की स्थापना हेतु 11.8 एकड़ भूमिदान स्वरूप उ0प्र0 शासन को दी गयी। इसी भूमि पर शासन द्वारा प्रशानिक भवन एवं विज्ञान संकाय भवन एवं वाणिज्य संकाय एवं परास्नातक संकाय/कम्प्यूटर केन्द्र का भवन निर्मित है।

'महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर कलासंकाय में-अर्थशास्त्र , राजनीतिशास्त्र ,इतिहास एवं शारीरिक शिक्षा विज्ञानसंकाय में-रसायनविज्ञान , भौतिकविज्ञान ,गणित , वनस्पतिविज्ञान एवं जन्तुविज्ञान , भाषासंकाय में एम0ए0 (हिन्दी ) विषय से अध्ययन-अध्यापन कार्य किया जा रहा है।

उच्चशिक्षा में गुणवत्ता के लक्ष्य के प्रति महाविद्यालय कृत-संकल्प है । माननीय मुख्यमंत्री जी के संरक्षण एवं नेतृत्व में प्रदेश के बहुमुखी एवं सुनियोजित विकास के लिए समाज की आवश्यकताओं एवम अपेक्षाओं के अनुरूप भविष्य की सम्भावनाओं को ध्यान में रखे हुए उच्चशिक्षा को सर्वसुलभता के साथ-साथ गुणात्मक सुधार लाने एवम इसके आधुनिकीकरण की दशा में नये आयाम जोड़ते हुए पाराम्परिक शिक्षा से अधुनिक शिक्षा की ओर गतिमान करते हुए नय आयाम जोड़े जाने हेतु शासन ने शीघ्र ही रोजगारपरक शिक्षा को महाविद्यालय में उपलब्ध कराने हेतु निर्णय लिया है , जिससे उच्चशिक्षा अधिक और अर्थपूर्ण होकर समाज के दलित शोषित एवं पिछड़े वर्ग के लिए भी सुलभ एवं उपयोगी हो सके।

महाविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली से 2F एवं 12(B) धारा के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त होगयी है जिससे महाविद्यालय को उपकरण , पुस्तकालय एवं अन्य दिशाओं में उच्चीकरण का मार्ग प्रशस्त हो गया है।महाविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन एवम प्रत्यायन परिषद (NAAC) बंगलौर द्वारा बीग्रेड से प्रत्यायित रहा है।

इस महाविद्यालय में नियमियत कक्षाओं के साथ समय-समय पर शिक्षणेत्तर गतिविधियों आयोजन किया जाता है । महाविद्यालय के विज्ञानसंकाय की समस्त प्रयोगशालाएं आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, पुस्तकालय तथा वाचनालय में उत्कृष्ट पुस्त के समाचार पत्र-पत्रिकायें तथा सन्दर्भ ग्रन्थ उपलब्ध है तथा रावर्स-रेन्जर्स , एन0एस0एस0 एवं क्रीडा आदि के माध्यम से छात्र/छात्राओं से सर्वागीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है । महाविद्यालय में अबाध विद्युत आपूर्ति हेतु जनरेटों की व्यवस्था है । स्वच्छ तथा शीतलपेय जल हेतु आधुनिक वाटरकूलर की व्यवस्था है।

'महाविद्यालय में छात्राओं की संख्या लगभग 75 प्रतिशत है । इसे दृष्टि में रखते हुए एक छात्रा कामन रूम निर्मित किया गया है। । Read More